मौसम की करवट बनी सेहत के लिए खतरा: बढ़े स्ट्रोक, हार्ट अटैक और वायरल के मरीज

हल्द्वानी। त्योहारों के बाद मौसम में अचानक आई ठंड ने स्वास्थ्य पर बुरा असर डालना शुरू कर दिया है। तापमान में गिरावट के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक, हृदय रोग और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लगने लगी हैं।

स्ट्रोक और हृदय रोग के बढ़े मामले

सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) की ओपीडी में रोजाना तीन से चार मरीज स्ट्रोक या हृदय संबंधी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं, बेस अस्पताल में एक हफ्ते के भीतर तीन नए स्ट्रोक के केस सामने आए हैं।

वरिष्ठ फिजिशियन डा. जितेंद्र भट्ट ने बताया कि ठंड बढ़ने से रक्तचाप और हार्ट डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। पिछले एक सप्ताह में स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इनमें से कई मरीज लकवे की शिकायत के साथ भर्ती किए गए हैं।

मौसम बदलते ही वायरल, खांसी-जुखाम और बुखार ने बढ़ाई परेशानी

सुबह हल्की धूप और शाम को ठंडी हवा के चलते शहर में वायरल फीवर, खांसी-जुखाम और बदन दर्द के मरीज बढ़ गए हैं।

एसटीएच की जनरल मेडिसिन ओपीडी में 150 से 200 मरीज, जबकि बेस अस्पताल में 150 से 180 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव, लापरवाही और ठंड से बचाव न करना बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है।

हृदय रोग और स्ट्रोक बढ़ने के प्रमुख कारण

❄️ ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने से रक्तचाप बढ़ता है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है।

💧 पसीना कम निकलने से रक्त गाढ़ा होता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

🍔 अस्वास्थ्यकर खान-पान और व्यायाम की कमी से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है।

🌫️ ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

बचाव के उपाय

✅ ठंड में शरीर को गर्म रखें, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें।
✅ योग और नियमित व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
✅ संतुलित आहार लें, फल-सब्जियां अधिक खाएं।
✅ धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं, यह हृदय पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
✅ ब्लड प्रेशर की नियमित जांच कराते रहें और चिकित्सक से परामर्श लें।

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