
रामपुर लामाचौड़ में युवा लहर की दस्तक!
भावना पड़लिया ने भरी हुंकार: “मेरा गांव, मेरी ज़िम्मेदारी” — गांव के कोने-कोने में गूंजा विकास का नया मंत्र
“अनाज की बालियां पर ठप्पा, विकास का वादा पक्का” बना जनता की जुबां का नारा
हल्द्वानी (नैनीताल)। रामपुर लामाचौड़ की सियासत इन दिनों नई करवट ले रही है। ग्राम प्रधान पद की दौड़ में जहां पुराने चेहरे फिर मैदान में हैं, वहीं 21 वर्षीय युवा उम्मीदवार भावना पड़लिया ने अपने दमदार विज़न और जनसंपर्क से चुनावी समीकरणों को बदल कर रख दिया है।
धरातल पर बदलाव की बात, राजनीति नहीं सेवा की शुरुआत
भावना पड़लिया का प्रचार बाकी प्रत्याशियों से बिल्कुल अलग है। ना बैनर-बत्तियां, ना धनबल का प्रदर्शन — सिर्फ जनता के बीच रहकर, हर गली, हर द्वार पर दस्तक दे रही हैं। उनका सीधा संदेश है:
“मैं राजनीति करने नहीं, गांव की सेवा करने आई हूं। सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी, नियमित कूड़ा गाड़ी और हर घर तक स्ट्रीट लाइट मेरी प्राथमिकता हैं।”
हर उम्र का साथ — युवा से बुज़ुर्ग तक का समर्थन
भावना के जनसंपर्क अभियान में महिलाओं, बुज़ुर्गों और युवाओं की भारी भागीदारी दिख रही है। लोग उन्हें सिर्फ उम्मीदवार नहीं, आशा की किरण मान रहे हैं। साफ नीयत, सादा जीवन और सेवा भाव से वे जनता की पहली पसंद बनती जा रही हैं।
“अनाज की बालियां” बनीं गांव की पहचान
इस बार भावना पड़लिया चुनाव चिन्ह ‘अनाज की बालियां’ के साथ मैदान में हैं। यही प्रतीक अब गांव में विकास और ईमानदारी की पहचान बन चुका है। समर्थकों ने जोशीला नारा भी दिया है:
“अनाज की बालियां पर ठप्पा, विकास का वादा पक्का!”
28 जुलाई — विकास का भविष्य तय करेगी रामपुर लामाचौड़ की जनता
चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नज़दीक आ रही है, गांव का माहौल भी तेज़ी से बदल रहा है। यह चुनाव अब चेहरों का नहीं, सोच, नीयत और नज़रिया का बन चुका है।
भावना पड़लिया की साफ़ छवि, ज़मीनी जुड़ाव और युवाओं में ऊर्जा भरने वाले संकल्प ने उन्हें मज़बूत दावेदार बना दिया है।
अब देखना यह है कि क्या रामपुर लामाचौड़ बदलाव के इस मौके को अपनाता है?
जनता कह रही है — “अबकी बार, ज़मीन से जुड़ा नेता!”





