
चारधाम यात्रा 2025: चुनौतियों के साये में धीमी शुरुआत, अब अगले पखवाड़े पर टिकीं उम्मीदें
देहरादून। इस वर्ष की चारधाम यात्रा की शुरुआत उम्मीदों के अनुरूप रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। भारत-पाक तनाव, मौसम की मार और घोड़े-खच्चरों की बीमारी जैसे कारणों ने श्रद्धालुओं की संख्या पर सीधा असर डाला है। यात्रा शुरू हुए दो सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन अब तक 2.80 लाख कम यात्री पहुंचे हैं। पिछले साल के मुकाबले यह संख्या करीब 32 प्रतिशत कम है।
अब तक कितने यात्री पहुंचे?
30 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा के पहले 13 दिनों में कुल 6,05,183 श्रद्धालु चारधाम पहुंचे, जबकि 2024 में इसी अवधि में 8,85,733 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि इस बार यात्रा की रफ्तार धीमी रही है।
क्यों थमे श्रद्धालुओं के कदम?
- सुरक्षा को लेकर आशंका: 7 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने यात्रियों के मन में डर का माहौल पैदा किया।
- घोड़े-खच्चरों में संक्रमण: केदारनाथ पैदल मार्ग पर करीब 13 जानवरों की मौत के बाद तीन दिन तक आवाजाही पर रोक लगाई गई।
- मौसम की मार: खराब मौसम ने भी यात्रा को बाधित किया, हालांकि इसका प्रभाव सीमित रहा।
फिर भी जगी है उम्मीद
हाल के चार दिनों में यात्रा में कुछ तेजी आई है:
9 मई: 45,772 यात्री
10 मई: 51,356 यात्री
11 मई: 55,034 यात्री
12 मई: 54,678 यात्री
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि स्थिति अब सामान्य हो रही है। मई का दूसरा पखवाड़ा हमेशा से यात्रा का चरम समय रहा है। ऐसे में प्रशासन और व्यापारियों को उम्मीद है कि श्रद्धालुओं की संख्या जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी।
प्रशासन और व्यापारियों की प्रतिक्रिया
अनूप नौटियाल (सामाजिक विश्लेषक): “अगर स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार को सभी हितधारकों से संवाद करना होगा।”
नितिन जमलोकी (श्री केदारधाम होटल एसोसिएशन): “छोटे होटलों की बुकिंग रद्द हुई, लेकिन अब स्थिति सुधर रही है।”
विनय शंकर पांडेय (गढ़वाल मंडल आयुक्त): “यात्रा सुचारू रूप से संचालित है, श्रद्धालुओं की संख्या अब बढ़ रही है।”
