शोधार्थियों ने चौथे दिन सीखे एसपीएसएस से डेटा विश्लेषण के गुण, एसपीएसएस से शोध को मिलेगी नई ऊंचाई- प्रो. नजीम

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित छह दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के चौथे दिन दो महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों का संचालन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद नज़ीम ने किया।
पहले सत्र में एसपीएसएस (SPSS) सॉफ्टवेयर की उपयोगिता, कार्यप्रणाली और इसके विभिन्न घटकों की विस्तार से जानकारी दी गई।

डॉ. नज़ीम ने सरल भाषा में समझाते हुए बताया कि यह सॉफ्टवेयर शोध कार्यों में किस प्रकार मदद करता है। उन्होंने विभिन्न सांख्यिकीय परीक्षणों की चर्चा की और बताया कि शोध में इनका उपयोग कैसे किया जाता है। सत्र के दौरान उन्होंने t-Test और ANOVA जैसे प्रमुख सांख्यिकीय परीक्षणों को एसपीएसएस सॉफ्टवेयर की सहायता से करने की लाइव प्रैक्टिकल डेमोंस्ट्रेशन भी दी, जिससे प्रतिभागियों को व्यावहारिक समझ विकसित करने में सहायता मिली।

दूसरा सत्र संदर्भ और उद्धरण प्रबंधन पर केंद्रित था। इसमें डॉ. नज़ीम ने बताया कि शोध कार्य में सही संदर्भ प्रबंधन क्यों आवश्यक है और इसका प्रभाव शोध की गुणवत्ता पर कैसे पड़ता है। उन्होंने सही उद्धरण तकनीकों को साझा किया और संदर्भ प्रबंधन के प्रमुख घटकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को Mendeley सॉफ्टवेयर का उपयोग करके संदर्भ और उद्धरण प्रबंधन करने की लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी दी।

प्रोग्राम की कोर्डिनेटर प्रीति शर्मा ने कहा इन दोनों सत्रों में शोधकर्ताओं, फैकल्टी मेंबर्स और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने एसपीएसएस और संदर्भ प्रबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं, जो उनके शोध कार्यों में सहायक सिद्ध होंगी।

उन्होंने बताया कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही रूप से शोधार्थी इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम के आगामी सत्रों में शोध और अकादमिक लेखन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।

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