बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग को लेकर हजारों का धरना-प्रदर्शन

लालकुआं/बिंदुखत्ता। बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने की मांग को लेकर क्षेत्र में भारी जनाक्रोश देखने को मिला। बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम संघर्ष समिति के बैनर तले एवं पूर्व सैनिक संगठन के सहयोग से हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने बिंदुखत्ता से लालकुआं तहसील तक मार्च निकालकर तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया।

धरना-प्रदर्शन में महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की बड़ी भागीदारी रही। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाए जाने से संबंधित सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, इसके बावजूद शासन स्तर पर लगातार विलंब किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों में गहरा रोष व्याप्त है।

आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि हर चुनाव के दौरान विभिन्न राजनीतिक दल बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव संपन्न होने के बाद इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी अपने-अपने घोषणा पत्रों में बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक अधिसूचना जारी न होने से जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।

धरना-प्रदर्शन में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी सहभागिता की और एकजुट होकर बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग उठाई। आंदोलन को सफल बनाने में संघर्ष समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, सचिन भवन भट्ट, बलवंत सिंह बिष्ट, कविराज धामी, उमेश भट्ट, श्याम सिंह रावत तथा पूर्व सैनिक संगठन बिंदुखत्ता के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरेंद्र सिंह बोरा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डाला कोठी, पूर्व सैनिक कुंदन सिंह मेहता सहित कई जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

अंत में संघर्ष समिति ने लालकुआं तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए शीघ्र बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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