
बनभूलपुरा हिंसा के बाद अभी भी लोगों मैं खोफ, दिखाई दे रहे है घरों में जगह – जगह पर ताले
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में अवैध मदरसे को ढहाने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर हमला कर दिया गया था। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक पुलिस, नगर निगम और मीडियाकर्मियों घायल हुए थे। अभी भी मलिक के बगीचे में चारों ओर जहां भी नजर डालें, वहां घरों में ताले ही लटके दिखाई दे रहे हैं। कई घरों के दरवाजे और शटर टूटे हुए हैं। पत्थर लगने के निशान भी दिखाई दे रहे हैं। एक-दो घर जहां ताला नहीं है, वहां सिर्फ महिलाएं दिखाई दे रही हैं। शांति के बीच सिर्फ पोकलैंड चलने और मजदूरों की आवाज सुनाई दे रही है। बगीचे को जाने वाले रास्ते से ही अधिकतर घरों पर ताले दिखते हैं। एक घर में महिला दिखाई दे रही है, लेकिन वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सामने अर्द्धसैनिक बल के जवान खड़े हैं। वे रोकते हैं, पूछते हैं कौन हो? कहां जा रहे हो? उन्हें बताने पर पहले मना करते हैं। फिर आगे जाने देते हैं। वहीं, इसके बगल में कुर्क किया गया सामान खुले में रखा है। इसे काली पॉलिथिन से ढका गया है। चारों ओर नजर दौड़ाने पर अधिकतर घरों में ताले लगे हैं। कुछ घर खुले हैं। इनमें पुरुष नहीं दिखाई दे रहे हैं। घरों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे हैं। कहा कि परिधि के 100 मीटर के दायरे में मात्र 10 पुरुष रह गए होंगे। इसके अलावा सभी यहां से छोड़कर जा चुके हैं।
जिस निर्माण को लेकर इतना उपद्रव हुआ अब उसे पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। अवैध रूप से बने मदरसे का भवन ढहा दिया गया है और बगीचे में पुलिस चौकी में अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के जवान तैनात दिखाई दे रहे हैं।
