
नैनीताल पुलिस की तत्परता से आत्महत्या की गुत्थी सुलझी — महिला नर्स को ब्लैकमेल कर रहा था रिश्तेदार, हुआ गिरफ्तार
हल्द्वानी। दिनांक 27 अप्रैल 2025 को हल्द्वानी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक निजी अस्पताल में कार्यरत महिला नर्स ने अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना से संबंधित मृतका के परिजनों की ओर से थाना हल्द्वानी में दी गई तहरीर के आधार पर एफआईआर संख्या 139/2025, धारा 108 BNS के तहत अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा द्वारा तत्काल संज्ञान लिया गया तथा अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश चंद्र और क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक श्री राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई। मामले की विवेचना वरिष्ठ उपनिरीक्षक श्री रोहताश सिंह सागर द्वारा की गई।
सीसीटीवी, मोबाइल फॉरेंसिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच में हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, मोबाइल फॉरेंसिक टीम ने डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया और कॉल डिटेल्स व बैंक ट्रांजैक्शन की जांच के बाद एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान हुई, जो मृतका का दूर का रिश्तेदार था और पिछले 10–12 वर्षों से संपर्क में था।
जांच में यह भी सामने आया कि मृतका की तीन वर्ष पूर्व शादी हो चुकी थी, इसके बावजूद अभियुक्त मोहम्मद हारून (27 वर्ष) निवासी ग्राम मुनीमपुर, थाना ठाकुरद्वारा, जिला मुरादाबाद द्वारा उस पर विवाह का दबाव बनाया जा रहा था। आरोपी ने कई बार उसके साथ मारपीट की और मानसिक शोषण किया। साथ ही उससे ऑनलाइन पैसे भी ऐंठे गए। इन सब कारणों से मानसिक रूप से परेशान होकर मृतका ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
गिरफ्तारी व न्यायिक कार्रवाई
दिनांक 11 मई 2025 को अभियुक्त मोहम्मद हारून को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम में शामिल अधिकारीगण:
- श्री रोहताश सिंह सागर – वरिष्ठ उपनिरीक्षक, कोतवाली हल्द्वानी
- श्री महेन्द्र प्रसाद – उपनिरीक्षक, कोतवाली हल्द्वानी
- आरक्षी अरविंद कुमार – SOG
- हे.का. इशरार नबी – सीसीटीवी तकनीकी टीम
- आरक्षी संतोष बिष्ट – सीसीटीवी तकनीकी टीम
- आरक्षी कुंदन सिंह
नैनीताल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर न केवल मृतका को न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीरता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।
