
देश विरोधी साइबर साजिशों के खिलाफ उत्तराखंड सतर्क: STF ने साइबर कमांडो किए तैनात, एडवाइजरी जारी
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच साइबर हमले की आशंका को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में प्रशिक्षित साइबर कमांडो को सक्रिय कर दिया गया है, जो 24 घंटे वेब गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। संभावित साइबर खतरे को देखते हुए एक विशेष निगरानी सेल का गठन किया गया है, जिसमें साइबर एक्सपर्ट्स और अधिकारी शामिल हैं।
STF की ओर से आम नागरिकों के लिए एक अहम साइबर सुरक्षा एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि इस संवेदनशील माहौल में लोगों को सोशल मीडिया और इंटरनेट पर किस तरह की सतर्कता बरतनी चाहिए।
STF की एडवाइजरी में सुझाए गए जरूरी कदम:
क्या करें:
केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी ही साझा करें।
किसी भी समाचार, फोटो या वीडियो को साझा करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
फर्जी या भड़काऊ पोस्ट की रिपोर्ट तुरंत करें।
सोच-समझकर पोस्ट करें, अफवाहों से बचें।
क्या न करें:
सेना की गतिविधियों या तैनाती से जुड़ी जानकारी साझा न करें।
बिना पुष्टि के किसी भी तरह की भड़काऊ या गलत सूचना न फैलाएं।
अनजान बैंक खातों और संदिग्ध लिंक से दूर रहें।
अनधिकृत ऐप्स या ईमेल अटैचमेंट डाउनलोड न करें।
जरूरत पड़ने पर कहां संपर्क करें:
साइबर हेल्पलाइन: 1930
ऑनलाइन शिकायत: www.cybercrime.gov.in
कौन हैं साइबर कमांडो?
गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित एक विशेष परीक्षा के बाद उत्तराखंड पुलिस के चार अधिकारी साइबर कमांडो के रूप में चुने गए हैं। इन्हें देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IIT और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से दो साइबर कमांडो ने राष्ट्रीय स्तर पर टॉप 10 में स्थान प्राप्त किया।
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 में प्रदेश का सरकारी वेब सिस्टम एक बड़े साइबर हमले का शिकार हो चुका है, जिसमें कई सरकारी वेबसाइट्स प्रभावित हुई थीं और डाटा भी चोरी हुआ था। उस हमले को भी विदेशी साजिश माना गया था। उस अनुभव से सबक लेते हुए STF इस बार पूरी तरह अलर्ट मोड पर है।
STF प्रमुख नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा:
“हमारी टीम हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही है। लोगों से अनुरोध है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी साइबर संदिग्धता की तुरंत रिपोर्ट करें।”
