
चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य की सुरक्षा पहली प्राथमिकता: केदारनाथ में 17 बेड का अस्पताल शुरू, 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की हुई स्क्रीनिंग
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की जान और स्वास्थ्य की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यात्रा में अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जा चुकी है। स्वास्थ्य व्यवस्था को इस वर्ष त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त और आधुनिक बनाया गया है, ताकि हर तीर्थयात्री को समय पर और प्रभावी चिकित्सा सुविधा मिल सके।
🔹 केदारनाथ धाम में 17 बेड का नया अस्पताल
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ धाम में इस वर्ष 17 बिस्तरों वाला एक नया अस्पताल शुरू किया गया है। यह अस्पताल उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीव्र स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक बड़ी पहल है।
🔹 व्यापक स्वास्थ्य नेटवर्क: 49 स्थायी केंद्र, 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट
स्वास्थ्य विभाग ने रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय की हैं। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जैसे बेस स्टेशनों पर भी चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया गया है।
🔹 स्क्रीनिंग कियोस्क और हेल्थ सर्विलांस सिस्टम
यात्रा प्रारंभ बिंदुओं पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं। साथ ही, ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य डाटा की डिजिटल निगरानी की जा रही है। इसके लिए चारधाम जिलों को 50 टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं।
🔹 विशेषज्ञ डॉक्टर और एंबुलेंस सेवाएं
यात्रा मार्ग पर कुल 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर और 381 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किए गए हैं। साथ ही, 154 एंबुलेंस, और आवश्यकता पड़ने पर हेली एंबुलेंस सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
🔹 स्वास्थ्य कारणों से रोकी गई यात्रा
अब तक की स्क्रीनिंग में कुछ श्रद्धालुओं को उच्च रक्तचाप, श्वसन समस्याएं या अन्य गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां पाई गईं। ऐसे 29 श्रद्धालुओं को आगे यात्रा न करने की सलाह दी गई और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
✅ निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर, चारधाम यात्रा को न केवल श्रद्धा और आस्था की यात्रा, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा की यात्रा भी बनाया गया है। सरकार की यह पहल विशेष रूप से बुजुर्गों, हृदय रोगियों और पहली बार हिमालयी क्षेत्र में आने वालों के लिए एक बड़ी राहत है।
