केदारनाथ उपचुनाव: किसको चुनेगी जनता, रावत, आशा या कोई तीसरा

चमोली। 2012 में लगातार तीसरी बार वह भाजपा की प्रत्याशी बनी लेकिन इस बार उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी शैलारानी रावत से हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद साल 2016 में शैलारानी रावत भाजपा में शामिल हो गईं और साल 2017 में भाजपा ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। जिस पर आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। तब, कांग्रेस से मनोज रावत विधायक चुने गए और निर्दलीय कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहे।

कुछ वक्त बाद आशा नौटियाल की दोबारा पार्टी में वापसी हुई। साल 2022 में भाजपा ने शैलारानी रावत को प्रत्याशी बनाया और वह जीत गईं। वहीं, आशा नौटियाल को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।

बताते चलें कि 9 जुलाई 2024 को विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद से केदारनाथ विधानसभा सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद 15 अक्तूबर को निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की अधिसूचना जारी की। इन दिनों नामांकन प्रक्रिया जारी है। 29 अक्तूबर तक नामांकन प्रक्रिया जारी रहेगी और आगामी 4 नवंबर को नाम वापस लेने के बाद प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

ऐसे में अब केदारनाथ उपचुनाव में किसके सिर पर केदार बाबा जीत का सहरा पहनाएंगे, यह समय के गर्त में है। लेकिन कुल मिलाकर ये चुनाव रोचक होगा इसके आसार हैं।

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