
कुमाऊं में शिक्षा का संकट: 5000 से अधिक शिक्षक पद खाली, भविष्य अधर में
अल्मोड़ा/नैनीताल। कुमाऊं मंडल में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की हालत बेहद चिंताजनक होती जा रही है। सैकड़ों स्कूल शिक्षक विहीन हैं, और कई विद्यालय तो केवल एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल शिक्षण की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है, बल्कि हजारों बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल रही है।
शिक्षकों की भारी कमी, स्कूलों पर ताला लगाने की नौबत
पूरे मंडल में एलटी और प्रवक्ता स्तर पर 5000 से अधिक पद रिक्त हैं। इन हालातों के चलते कई स्कूलों में पठन-पाठन कार्य ठप पड़ चुका है। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बच्चों के पास निजी स्कूलों या ऑनलाइन शिक्षा जैसी कोई वैकल्पिक सुविधा नहीं है। ऐसे में सरकारी स्कूल ही उनका एकमात्र सहारा हैं।
जिलावार रिक्त पदों की स्थिति:
नैनीताल: 480
अल्मोड़ा: 1158
बागेश्वर: 545
पिथौरागढ़: 1250
चंपावत: 190
ऊधमसिंह नगर: 1418
कुल रिक्त पद: 5041
नियुक्तियों की राह कोर्ट और आयोग के पाले में
एलटी शिक्षकों की प्रवक्ता पद पर और प्रवक्ताओं की प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति का मामला कोर्ट में लंबित है। वहीं, लोक सेवा आयोग द्वारा नई नियुक्तियों की प्रक्रिया भी रुकी हुई है।
“जल्द ही परीक्षाएं कराई जाएंगी और नियुक्तियां सुनिश्चित की जाएंगी,”
– गजेंद्र सिंह सौन, एडी माध्यमिक, कुमाऊं मंडल।
बच्चों का भविष्य अधर में
शिक्षकों की लगातार हो रही सेवानिवृत्ति और नियुक्तियों में देरी से हालात और गंभीर हो रहे हैं। छात्रों की घटती संख्या, शिक्षकों की अनुपलब्धता और अभिभावकों की हताशा मिलकर कई स्कूलों को बंद होने की कगार पर ला चुकी हैं।
समाधान की दिशा में त्वरित कदम जरूरी हैं, वरना आने वाली पीढ़ियों के हाथों से शिक्षा और अवसर दोनों ही छिन सकते हैं।
