
उत्तराखंड में बिजली भंडारण की नई क्रांति: तीन जिलों में लगेंगे बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट, केंद्र से मिलेगी सब्सिडी
उत्तराखंड में ऊर्जा भंडारण को लेकर एक नई पहल की जा रही है। राज्य सरकार ने तीन प्रमुख स्थानों पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजनाएं लगाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके तहत बिजली को बैटरियों में संरक्षित कर आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे ऊर्जा प्रबंधन और आपूर्ति में क्रांतिकारी सुधार संभव होगा।
राज्य सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली है।
देहरादून के ढकरानी सबस्टेशन के पास 30 मेगावाट / 75 मेगावाट-आवर का बीईएसएस प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
उत्तरकाशी के तिलोथ सबस्टेशन के पास 15 मेगावाट / 37.5 मेगावाट-आवर की इकाई बनेगी।
खटीमा में 37.5 मेगावाट-आवर क्षमता का एक और प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा।
ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को पत्र भेजकर राज्य के लिए 500 मेगावाट-आवर क्षमता के बीईएसएस प्रोजेक्ट्स आवंटित करने की मांग की है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के तहत प्रति मेगावाट-आवर 18 लाख रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार से प्राप्त होगी।
इस पहल से न केवल ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य में स्वच्छ और सतत ऊर्जा समाधान को भी बढ़ावा मिलेगा।
