
उत्तराखंड में बारिश का तांडव: अलकनंदा का रौद्र रूप, धारी देवी मंदिर तक पहुंचा पानी – 2013 की आपदा जैसे हालात
नैनीताल/रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को संकट में डाल दिया है। सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं और नदियां उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा, हल्द्वानी में गौला, बागेश्वर में सरयू और रामनगर में कोसी अपने रौद्र रूप में बह रही हैं।
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह 2013 की आपदा की यादें ताज़ा कर रहा है। श्रीनगर से ऊपर बद्रीनाथ हाईवे पानी में डूब चुका है। धारी देवी मंदिर तक नदी की लहरें पहुंच गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। सिरोबगड़ के पास मिनी गोवा बीच पर सड़क जलमग्न हो चुकी है, यातायात पूरी तरह ठप है।
आज सुबह 8 बजे सिंचाई विभाग ने अलकनंदा का जलस्तर 535.80 मीटर दर्ज किया, जो खतरे के निशान से कुछ ही इंच नीचे है। श्रीनगर जल विद्युत परियोजना से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। प्रशासन ने नदी तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक भारी बारिश की संभावना जताई है और 7 सितंबर तक अलर्ट जारी किया गया है। यदि बारिश का यही दौर जारी रहा, तो श्रीनगर समेत आस-पास के कई इलाकों में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
👉 भय और दहशत के बीच धारी देवी मंदिर अडिग खड़ा है, लेकिन अलकनंदा का प्रचंड वेग प्रदेश के लिए खतरे की घंटी बजा रहा है।