उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में टास्कस कंपनी द्वारा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन, 70 से अधिक छात्रों ने लिया भाग

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में 28 फरवरी 2025 को प्लेसमेंट सेल द्वारा एक प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया, जिसमें टास्कसअस कंपनी ने भाग लिया। इस ड्राइव में कंपनी ने छात्रों का ग्रुप डिस्कशन और साक्षात्कार लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के स्नातक और स्नातकोत्तर के 70 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्लेसमेंट सेल को इस ड्राइव के लिए 211 से अधिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि जहां आमतौर पर छात्रों को नौकरी के लिए कंपनियों के पास जाना पड़ता है तो वहीं इस बार कंपनी स्वयं विश्वविद्यालय में प्लेसमेंट के लिए आई है। यह छात्रों के हित में एक सराहनीय कदम है। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हमेशा छात्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी उनके लिए कार्य करता रहेगा।

कार्यक्रम का संचालन सहायक नोडल ऑफिसर मनोज पांडे ने किया। प्लेसमेंट नोडल ऑफिसर डॉ. अखिलेश सिंह ने बताया कि इस प्लेसमेंट ड्राइव के लिए 10,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को ईमेल किया गया था और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर इसकी जानकारी साझा की गई थी। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि वे भविष्य में भी इस तरह के प्लेसमेंट ड्राइव और वर्कशॉप आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

टास्कसअस कंपनी की सीनियर मैनेजर सानिया अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अब तक जहां भी प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किए हैं, उनमें सबसे सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से मिली है। उन्होंने बताया कि टास्कसअस एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है, जिसकी स्थापना 2008 में कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। भारत में इसके कार्यालय मुंबई, इंदौर, गुरुग्राम और मोहाली में हैं। कंपनी जल्द ही हल्द्वानी में अपना पांचवां कार्यालय खोलने पर विचार कर रही है। सानिया ने यह भी बताया कि 2009 में भारत में टास्कसअस का पहला कार्यालय इंदौर में खोला गया था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गिरिजा पांडे, निदेशक, सिका ने कहा कि गूगल ने एक बार कहा था की नौकरी के लिए डिग्री की नहीं, बल्कि प्रतिभा की आवश्यकता होती है। प्रोफेसर पांडे ने कहा कि आज के इस भव्य आयोजन के बाद विश्वविद्यालय ने छात्रों के भविष्य को लेकर एक और साकारात्मक कदम आगे बढ़ाया है।

इस अवसर पर श्रीमती पूजा शर्मा, श्री सुधांशु वर्मा, डॉ. खस्ती डसीला, श्रीमती प्रीति पंत, डॉ. दीप्ति नेगी, डॉ. निर्मला तगाड़ी, डॉ. नीरज जोशी और डॉ. दिनेश कांडपाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

सम्बंधित खबरें