उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में IPR पर एकदिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एवं आईटी द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) पर एकदिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ समन्वयक प्रो. आशुतोष कुमार भट्ट के स्वागत उद्बोधन से हुआ। इसके बाद निदेशक प्रो. जितेन्द्र पांडे ने IPR के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में शोध एवं नवाचार की सुरक्षा के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार अत्यंत आवश्यक हैं।

श्री हिमांशु गोयल (वैज्ञानिक, UCOST देहरादून) ने IPR का व्यापक परिचय प्रस्तुत किया।

श्री विकास असावत (पेटेंट प्रैक्टिशनर) ने पेटेंट फाइलिंग प्रक्रिया, पेटेंट योग्य-अयोग्य आविष्कार, ट्रेडमार्क व कॉपीराइट की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कार की सीट बेल्ट, एयरबैग, कोका-कोला कैन का ओपनर, जिलेट रेज़र और क्रिकेट विकेट जैसे उल्लेखनीय पेटेंट्स के उदाहरण देकर प्रतिभागियों को व्यावहारिक जानकारी दी।

अंतिम सत्र में डा. आनंद पटवाल (डीन एकेडमिक्स, SGIMT काशीपुर) ने अकादमिक जगत में IPR की भूमिका और इसके महत्व पर उपयोगी विचार साझा किए।

इस अवसर पर पाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हल्द्वानी, SGIMT काशीपुर, अमरपाली इंस्टीट्यूट हल्द्वानी सहित उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता की।

कार्यक्रम में स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एवं आईटी की फैकल्टी सदस्य डा. बलाम, डा. नीलीमा, डा. शिल्पा, ललिता, हिमानी, रिया एवं आशीष भी मौजूद रहे।

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