
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के 20 वर्षों का जश्न: सितार की मधुर धुनों और प्रेरक विचारों से सजा दूसरा दिन
हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के 20वें स्थापना वर्ष और 69वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दूसरे दिन की शुरुआत सितार और राग की सुरम्य प्रस्तुति से हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ गोविंद बल्लभ पंत संग्रहालय, अल्मोड़ा द्वारा आयोजित उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पोस्टर प्रदर्शनी से हुआ, जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NTA) के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार जोशी और विवि के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने किया।

प्रो. जोशी ने कहा, “छोटी-छोटी सकारात्मक बातें ही हमें एक अच्छा इंसान बनाती हैं। विश्वविद्यालय हर कर्मचारी की मेहनत से बनता है और शोध तभी सार्थक है जब वह समाज से जुड़ा हो।”
आईटी एवं कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर और यूकॉस्ट के डायरेक्टर जनरल प्रो. दुर्गेश पंत ने 20 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि किराए के कमरों से शुरू हुआ यह संस्थान आज अत्याधुनिक भवनों और ऑनलाइन सुविधाओं से युक्त है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एआई-आधारित शिक्षा को अपनाकर छात्रों को व्यक्तिगत अध्ययन योजना, त्वरित प्रतिक्रिया और तेज़ मूल्यांकन की सुविधा देगा।

कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने विश्वविद्यालय की पहुंच को सुदूर क्षेत्रों तक बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग करने पर बल दिया।
कार्यक्रम में विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड का शुभारंभ, वनमाली सृजन संयुक्त अभियान द्वारा पोस्टर विमोचन और शिक्षा व शोध पर विशेष व्याख्यान भी हुए।

दूसरे सत्र में भारतीय वन अनुसंधान केंद्र, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. यशपाल सिंह ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य जागरूकता और अवधारणाओं की स्पष्टता है। वहीं, मानसखंड विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक प्रो. जी.सी.एस. नेगी ने शोध को “सत्य की तह तक पहुंचने की प्रक्रिया” बताया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर, शोधार्थी और विभिन्न विभागों के सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
