इस वर्ष 21 अक्टूबर को जलेगी दीपावली की ज्योति, पंडित दामोदर जोशी ने किया शुभ मुहूर्त का खुलासा

अल्मोड़ा जनपद के ग्राम बरसीमी के ज्योतिषाचार्य पंडित दामोदर जोशी ने बताया कि इस वर्ष दीपावली का पावन पर्व 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचांग के अनुसार जब किसी वर्ष दो दिन अमावस्या तिथि पड़ती है, तो दूसरे दिन की अमावस्या को ही श्री महालक्ष्मी पूजन के लिए मान्य माना जाता है। इस बार दोनों ही दिनों में प्रदोष व्यापिनी अमावस्या होने से, 21 अक्टूबर की अमावस्या को ही पूजन करना शास्त्रीय दृष्टि से उचित है।

पंडित जोशी ने बताया कि हमारे सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति में निशा काल (रात्रि काल) में लक्ष्मी पूजन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। विशेष रूप से इस वर्ष दीपावली की रात्रि में स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जिसे अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है। स्वाति नक्षत्र का दीपावली में होना धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की वृद्धि का संकेत है। उन्होंने कहा कि आज संचार के साधन बढ़ने से जहां सुविधा हुई है, वहीं गलत सूचनाओं (misinformation) का प्रसार भी बढ़ा है। ऐसे में लोगों को भ्रमित नहीं होना चाहिए, बल्कि श्रद्धा और विश्वास के साथ 21 अक्टूबर को ही विधिवत पूजन करना चाहिए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के प्रमुख पंचांग—गणेश मार्तण्ड पंचांग (पं. श्री रामदत्त जोशी), श्री तारा प्रसाद दिव्य पंचांग और वाणी भूषण पंचांग—तीनों में पहले से ही यह निर्णय अंकित है कि दीपावली 21 अक्टूबर 2025 को ही मनाई जाएगी। साथ ही, इस विषय में उत्तराखंड विद्युत सभा (देहरादून), श्री गंगा सभा (हरिद्वार), पर्वतीय सांस्कृतिक मंच और नैनादेवी ट्रस्ट (नैनीताल) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं तथा प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों—जिनमें ज्योतिर्विद चंडीप्रसाद घिडियाल और आचार्य डॉ. रमेश चंद्र जोशी (संपादक, श्री तारा प्रसाद दिव्य पंचांग)—ने भी सर्वसम्मति से यही निर्णय दिया है।

पंडित दामोदर जोशी का यह पैतृक पेशा है, और उनकी कई पीढ़ियाँ इसी ज्योतिष परंपरा और पंचांग निर्माण कार्य को संभालती आ रही हैं। उन्होंने अंत में कहा कि दीपावली जैसे आध्यात्मिक पर्व को श्रद्धा, शुद्ध भाव और शास्त्रीय विधि से मनाना ही सच्चे अर्थों में लक्ष्मी कृपा प्राप्ति का मार्ग है।

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