हिंदी को वैश्विक मंच देने की पहल : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से ‘हिंदी सेतु अभियान’ का शुभारंभ

हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने हिंदी पखवाड़े के अवसर पर ‘हिंदी सेतु अभियान’ की शुरुआत की। इस अनूठे अभियान का उद्देश्य हिंदी और उसकी बोलियों को रेडियो के माध्यम से विश्वभर तक पहुँचाना है।

प्रो. लोहनी ने बताया कि यह अभियान पाँच मुख्य बिंदुओं पर आधारित है—

  1. रेडियो संवाद : फिजी, मॉरीशस, कनाडा, अमेरिका, जापान और यूरोप के विश्वविद्यालयों व प्रवासी हिंदी समुदाय से नियमित संवाद।
  2. रोजगार की भाषा हिंदी : डिजिटल मीडिया, अनुवाद, पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक कूटनीति में हिंदी के अवसरों पर वार्ताएँ।
  3. प्रवासी साहित्य और युवा स्वर : गिरमिटिया से लेकर नई प्रवासी पीढ़ी तक की रचनाएँ और अनुभव रेडियो पर साझा होंगे।
  4. बोलियों को सम्मान : गढ़वाली, कुमाऊँनी, नेपाली, भोजपुरी, अवधी और राजस्थानी जैसी भाषाई धाराओं को मंच।
  5. वैश्विक रिपोर्ट व संगोष्ठी : हर साल ‘वैश्विक हिंदी रिपोर्ट’ और अंतरराष्ट्रीय हिंदी रेडियो संगोष्ठी का आयोजन।

एक सितंबर से रेडियो श्रृंखला ‘लोक से विश्व तक हिंदी की यात्रा’ का शुभारंभ भी किया गया। शीघ्र ही एक रेडियो एप लॉन्च होगा, जिसकी आवाज़ हल्द्वानी से लेकर फिजी-मॉरीशस तक गूँजेगी।

प्रो. लोहनी ने कहा—“हिंदी को आत्ममुग्ध होकर नहीं, बल्कि आत्ममंथन और आलोचना की दृष्टि से देखना होगा। तभी यह भाषा परंपरा के साथ वर्तमान और भविष्य की साथी बन पाएगी।”

गौरतलब है कि प्रो. लोहनी लंबे समय से हिंदी के वैश्विक प्रतिनिधि रहे हैं। उन्होंने चीन, स्विट्ज़रलैंड सहित कई देशों में अध्यापन व शोध कार्य किया है और पाँच विश्व हिंदी सम्मेलनों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में विभागाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने ‘पंडित मदन मोहन मालवीय साहित्य कुटीर’ जैसी ऐतिहासिक पहल भी की। उनका आजीवन उद्देश्य हिंदी को वैश्विक संवाद और सांस्कृतिक सेतु के रूप में स्थापित करना है।

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