
सीबीआई जांच की मांग तेज़ – हल्द्वानी में युवाओं का ‘नैतिकता जगाओ अभियान’, फूलों से गांधीगिरी और भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार पर व्यंग्य
हल्द्वानी। यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर युवाओं और अभिभावकों का आंदोलन और धारदार हो गया है। शनिवार को छात्रों ने हल्द्वानी बाजार में “नैतिकता जगाओ अभियान” के तहत अनोखी गांधीगिरी दिखाई। उन्होंने व्यापारियों, पुलिसकर्मियों और राहगीरों को फूल भेंट कर आंदोलन से जुड़ने की अपील की। छात्रों ने भावुक संदेश देते हुए कहा— “आज किसी और के बच्चों के साथ अन्याय हुआ है, कल यह आपके बच्चों के साथ भी हो सकता है।”
अभिभावकों ने भी इस पहल को गंभीरता से लेते हुए धरना स्थल पर पहुंचकर सहयोग का आश्वासन दिया।
इसी बीच उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा का अनशन जारी रहा। वहीं, उत्तराखंड युवा एकता मंच के संयोजक पियूष जोशी ने सरकार के रवैये पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार अंधी और बहरी बनी हुई है, जैसे भैंस के आगे बीन बजाना। इसी प्रतीक को और मजबूत करते हुए मंगलवार को बुद्ध पार्क धरना स्थल पर सचमुच की भैंस लाई जाएगी और छात्र-छात्राएं उसके सामने बीन बजाकर सरकार की संवेदनहीनता का व्यंग्यात्मक विरोध करेंगे।
धरने को नई ताक़त उस वक्त मिली जब उत्तराखंड बेरोजगार संघ के महासचिव सजेंद्र कठैत हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने युवाओं को देहरादून में चल रहे आंदोलन की जानकारी दी और कहा कि राजधानी में भी हजारों युवा अपनी रोज़ी-रोटी छोड़कर सिर्फ भर्ती परीक्षाओं की निष्पक्ष सीबीआई जांच के लिए डटे हुए हैं। कठैत ने हल्द्वानी के युवाओं से धैर्य और एकता बनाए रखने की अपील की।
इसके साथ ही वंदे मातरम ग्रुप के शैलेंद्र सिंह ने घोषणा की कि 30 सितंबर को बुद्ध पार्क से एसडीएम कार्यालय तक विशाल आक्रोश रैली निकाली जाएगी, जिसमें हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं और अभिभावक शामिल होंगे। इस दौरान “लीकेज मुक्ति अभियान” चलाकर सरकार को यह संदेश दिया जाएगा कि अब युवाओं का भविष्य किसी भी परीक्षा लीक की भेंट नहीं चढ़ेगा।
आंदोलन में शामिल राज्य आंदोलनकारी ललित जोशी ने कहा— “यह सिर्फ नौकरी की लड़ाई नहीं है, यह युवाओं की गरिमा और भविष्य का सवाल है।” उन्होंने अभिभावक की तरह छात्रों का साथ देने का संकल्प दोहराया।
धरना स्थल पर आज पहाड़ी आर्मी के संस्थापक हरीश रावत, खीमेश पनेरु, नीलम, प्रीति, प्रियंका भट्ट, राजेंद्र बिष्ट, जगदीश रजवार, गोकुल मेहरा, मंजू धामी, दीपक पांडे, विशाल भोजक, प्रत्यूष, भुवन सिंह शीतल, अमित चंद्रा, मेघा शाह सहित सैकड़ों अभिभावक, परीक्षार्थी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
युवाओं ने स्पष्ट संदेश दिया—
“जब तक सीबीआई जांच नहीं, तब तक संघर्ष से पीछे नहीं।”