
शॉकिंग: कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह दोबारा गिरफ्तार, सरकारी भर्ती में ठगी की कोशिश नाकाम
देहरादून। दो साल बाद उत्तराखंड की नकल दुनिया का कुख्यात नाम हाकम सिंह फिर कानून के हत्थे चढ़ गया। पूर्व जिला पंचायत सदस्य और नकल माफिया हाकम पर सरकारी भर्ती में पास कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से 12-15 लाख रुपये ठगने की कोशिश का आरोप है।
2021 से जुड़ा काला इतिहास
हाकम सिंह को 2021 में UKSSSC की परीक्षा का पेपर लीक कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस समय एसटीएफ ने 57 आरोपी पकड़े थे। जमानत मिलने के बाद हाकम ठेकेदारी और नकल के अवैध धंधे में जुट गया।
कैसे हुआ पर्दाफाश
दो दिन पहले पुलिस को सूचना मिली कि हाकम और पंकज गौड़ अभ्यर्थियों को ठगने की योजना बना रहे हैं। सर्विलांस और कॉल डिटेल जांच में पकड़ हुई। दोनों को पटेलनगर से गिरफ्तार किया गया।
हाकम का बचाव असफल
पुलिस कस्टडी में मीडिया के सामने हाकम ने खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। लेकिन कॉल रिकॉर्ड और सबूत उसके खिलाफ हैं।
भविष्य की योजना थी लाखों की ठगी
पुलिस ने खुलासा किया कि हाकम चयन में अभ्यर्थियों का लाभ लेने और पास कराने के नाम पर एडवांस रकम वसूलने की योजना बना रहा था।
मोबाइल में छिपा राज़
हाकम का मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है। इससे पता चलेगा कि जमानत के बाद वह किन लोगों से संपर्क में था और क्या कोई डाटा डिलीट किया गया।
राजनीति और संपत्ति का कनेक्शन
हाकम पहले प्रधान और जिला पंचायत सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने होटल, रिजॉर्ट और अन्य व्यवसाय स्थापित किए। पुलिस ने उनकी अधिकतर संपत्ति अटैच कर दी है।
सरकार और छात्रों की प्रतिक्रिया
2021 के पेपर लीक के बाद छात्रों में भारी आक्रोश हुआ था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब हाकम की गिरफ्तारी से भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी की संभावनाओं पर शिकंजा कस गया है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
पुलिस अब अभ्यर्थियों और हाकम के संपर्क में रहे अन्य लोगों से भी पूछताछ करेगी। दोनों आरोपियों के खिलाफ पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।