
भीषण गर्मी से बिजली मांग का रिकॉर्ड टूटा: 6.1 करोड़ यूनिट पार, कई क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित
उत्तराखंड में भीषण गर्मी और उमस ने बिजली की खपत के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को राज्य में बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट को पार कर गई, जिससे आपूर्ति व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
लगातार दूसरी बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मांग
बुधवार को बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट से ऊपर निकल गई, जो अब तक की सबसे अधिक है।
पिछले साल (2023) भी 13 से 15 जून के बीच इसी तरह की उच्चतम मांग रिकॉर्ड की गई थी।
वर्ष 2020 से 2022 के दौरान जून में अधिकतम मांग कभी भी 5.5 करोड़ यूनिट से अधिक नहीं पहुंची थी।
ओवरलोड से कई सब स्टेशनों पर आपूर्ति प्रभावित
अधिक खपत की वजह से रामनगर में 2 घंटे 32 मिनट, जबकि ज्वालापुर, बिंदाल, लालतप्पड़ और अन्य स्थानों पर 15–30 मिनट तक आपूर्ति बाधित रही।
कुल मिलाकर 7 सब-स्टेशनों पर बिजली की आपूर्ति में रुकावट आई।
ऊर्जा संकट से निपटने के लिए काशीपुर गैस प्लांट सक्रिय
यूपीसीएल ने 321 मेगावाट क्षमता वाला काशीपुर गैस प्लांट शुरू कर दिया है।
आपातकालीन जरूरतों के लिए पहले से खरीदी गई गैस का उपयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा हर दिन बाजार से 40 लाख यूनिट बिजली खरीदी जा रही है।
जल विद्युत उत्पादन ने दी राहत
यूजेवीएनएल की 21 परियोजनाओं से जल विद्युत उत्पादन 2 करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है।
ग्लेशियर पिघलने और हाल की बारिश की वजह से जल प्रवाह में वृद्धि हुई है, जिससे उत्पादन में सुधार हुआ।
सरकारी दावा
यूपीसीएल का कहना है कि कहीं भी घोषित कटौती नहीं की जा रही है।
हालांकि, तकनीकी कारणों से आपूर्ति में बाधा जरूर आई है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में गर्मी के चलते बिजली की खपत ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच चुकी है। सरकार और बिजली विभाग मांग को पूरा करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को झोंक रहे हैं, लेकिन आपूर्ति व्यवस्था पर बढ़ता दबाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
