
भारतीय भाषा सशक्त नागरिक निर्माण की आधारशिला: कुलपति प्रो. लोहनी
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग द्वारा भारतीय भाषा कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया| कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नवीन चन्द्र लोहनी ने की।
अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए कुलपति प्रोफेसर नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी भारतीय भाषाओं की बात करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भारतीय भाषाओं के महत्त्व को स्थापित किया। भारतीय बहुलता की दृष्टि से भारतीय भाषा उत्सव का महत्वपूर्ण योगदान है। क्षेत्रीय भाषा की उन्नति भी राष्ट्रीय दृष्टि को मजबूत करती है। प्रो लोहनी ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के महत्त्व की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। भारतीय भाषा -भाषी नागरिक बनाने की दृष्टि से भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम का महत्त्व निश्चित ही आधारभूत है। भारत की हर भाषा भारतीय सोच व दृष्टि को मजबूत करती है। यह आयोजन भारतीयता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मानवीकि विद्या शाखा के निदेशक प्रो गिरिजा प्रसाद पांडेय ने कहा कि भारत सांस्कृतिक विभितताओं का देश है। भारत, इस देश के हर नागरिक से पहचाना जायेगा। तमिल कवि और गुमानी, मौला राम या बंकिम आदि सभी की रचनाएँ सभी बिंदु पर एक हैं| भारतीय होने का संदर्भ व्यापक है। वनराजी की अपनी भाषा है | यह सांस्कृतिक बहुलता भारत की पहचान है।
निदेशक अकादमिक प्रोफेसर पी डी पंत जी ने कहा कि हमारी भाषाई विभितता महत्वपूर्ण है| सुदूर दक्षिण के कवि के बहाने हम भारतीय भाषाओं पर बात करना महत्वपूर्ण है| भाषा के महत्त्व पर बात करते हुए उन्होंने भारतीय भाषाओं की विशेषता पर बात की भाषा और लिपि के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने मौखिक भाषा की परंपरा को विस्तार से रेखांकित किया।
डॉ शशांक शुक्ल ने भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम के मनाने की संकलपना पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजेंद्र कैड़ा ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमार मंगलम ने किया।









