
देहरादून आपदा अपडेट: सहस्रधारा में बादल फटा, अब तक 15 शव बरामद, कई लापता – मंदिरों से पुलों तक तबाही
देहरादून । राजधानी देहरादून भीषण आपदा की चपेट में आ गया। सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से दून घाटी में तबाही का मंजर दिखाई दिया। भारी बारिश से नदियां उफान पर आ गईं, कई मकान धराशायी हो गए, पुल टूट गए और लोग बहाव में फंसकर जान गंवाने को मजबूर हो गए। देर रात से लेकर अभी तक कम से कम 15 शव अलग-अलग जगहों से बरामद हो चुके हैं, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

मालदेवता और झाझरा में सबसे ज्यादा जनहानि
मालदेवता से करीब सात किलोमीटर ऊपर फुलेट गांव में एक मकान ढहने से आठ लोग मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने दो शव निकाल लिए, बाकी के लिए पुलिस व बचाव दल मशक्कत कर रहे हैं।
झाझरा क्षेत्र में आसन नदी का पानी कहर बनकर टूटा। खनन कार्य में जुटे 16 मजदूर ट्रैक्टर समेत बह गए। इनमें से आठ के शव बरामद कर लिए गए हैं, दो घायल हुए जबकि छह अब तक लापता हैं।
सहस्रधारा में अचानक आए सैलाब ने चार लोगों को बहा दिया। शाम तक तीन शव बरामद किए जा चुके थे।
सड़कें-पुल ध्वस्त, शहर की नब्ज थमी
प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास दशकों पुराना पुल ढह गया।
डालनवाला के मोहिनी रोड पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
मालदेवता को टिहरी क्षेत्र से जोड़ने वाली अप्रोच रोड पानी में समा गई। इससे दून घाटी के कई इलाकों में यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।

धार्मिक धरोहरें भी जल प्रलय की चपेट में
प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर का गर्भगृह तक जलमग्न हो गया। शिवलिंग तक पानी पहुंच गया और कुछ साल पहले स्थापित बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई।
जामुनवाला स्थित एकादश मुखी हनुमान मंदिर आधे से ज्यादा बह गया। मुख्य मंदिर भी खतरे की जद में है।
पर्यटन स्थल गुच्चू पानी में सरकारी और निजी संपत्तियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें चौबीसों घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं।
अब तक 70 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
नदी में फंसे एक युवक ने बिजली के खंभे पर चढ़कर जान बचाई। बाद में एनडीआरएफ की टीम ने उसे सुरक्षित नीचे उतारा।