
काशीपुर दोहरा हत्याकांड: 11 साल बाद आया इंसाफ, 10 दोषियों को उम्रकैद व जुर्माना
रुद्रपुर। उत्तराखंड के काशीपुर जनपद में वर्ष 2014 में हुए बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में आखिरकार 11 वर्षों बाद न्याय मिला है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश चंद्र आर्या की अदालत ने इस जघन्य अपराध के 10 दोषियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक दोषी पर ₹20,500 का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
📌 मामले की पृष्ठभूमि
मामले की शुरुआत 24 अगस्त 2014 को हुई थी, जब ग्राम दुर्गापुर निवासी बचन सिंह ने कुंडा थाना क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, उनका पुत्र हरनाम सिंह उर्फ हनी गांव में अवैध कच्ची शराब के कारोबार का विरोध करता था, जिससे नाराज़ होकर कुछ शराब माफियाओं ने उसकी हत्या की साजिश रची।
😱 हत्या की साजिश और वारदात
21 अगस्त 2014 को आरोपियों ने हनी को जान से मारने की धमकी दी। अगले दिन, 22 अगस्त की शाम, अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति ने हनी को बहाने से तुमड़िया डाम स्थित गुज्जर डेरा बुलाया। वहां पहले से घात लगाए बैठे अभियुक्तों ने हनी और उसके साथी कुलवंत सिंह उर्फ गोले की निर्मम हत्या कर दी और शवों को जंगल में फेंक दिया।
24 अगस्त को दोनों शव मच्छी कोटा क्षेत्र से बरामद किए गए।
👮♂️ पुलिस कार्रवाई और अदालती सुनवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों और ठोस साक्ष्यों के आधार पर दोष साबित किए।
⚖️ दोषियों को मिली कठोर सजा
अदालत ने निम्न 10 दोषियों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड से दंडित किया:
जसवंत सिंह उर्फ नंदी
जसवंत सिंह उर्फ जस्सा
भगत सिंह उर्फ भगत
प्रकाश सिंह उर्फ पासी
लखवीर सिंह उर्फ वीरी
दारा सिंह
प्रकाश सिंह
चांदी सिंह
लाल सिंह उर्फ बलविंदर सिंह
बलविंदर सिंह उर्फ विंदर
👏 जनता और अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया
इस फैसले को स्थानीय जनता और पीड़ित परिवार ने न्याय की बड़ी जीत बताया है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह निर्णय न्याय व्यवस्था में जनता की आस्था को और मजबूत करेगा।
