उत्तराखंड में सरकार भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कराएगी , सीएम ने अफसरों को दिए निर्देश

उत्तराखंड में सरकार भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कराएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास संबंधी कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक में ये बात कही। सचिवालय में आयोजित इस बैठक में उन्होंने अफसरों को भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए।         

बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों से अतिवृष्टि से हुए नुकसान के साथ राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के डीएम को वरुणावत पर्वत के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के तकनीकी अध्यनन के लिए आईआईटी रुड़की और टीएचडीसी से सहयोग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, इस संबंध में पूर्व में हुए अध्ययनों का भी संज्ञान लिया जाए ताकि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के ट्रीटमेंट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तरकाशी जिले में जानकीचट्टी के आसपास के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के उपचार एवं विस्तारीकरण के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।                             

मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए रिस्पॉन्स टाइम को और बेहतर करने को कहा। मुख्यमंत्री ने पौधारोपण की रिपोर्ट तैयार करने तथा अमृत सरोवरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। सभी कार्य धरातल पर दिखाई दें यह भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सितंबर में भी भारी बारिश की आशंका को देखते सभी अधिकारी सतर्क रहें।

उन्होंने कहा कि आपदा मद में धनराशि की सीमा बढ़ाने से निर्माण कार्य बेहतर तरीके से हो सकेंगे। आपदा पीड़ितों की सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा के कारण विकास कार्य प्रभावित न हों।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ”आपदा पीड़ितों को त्वरित सहायता पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। हम आपदा को तो नहीं रोक सकते, लेकिन प्रभावितों को समय पर मदद पहुंचाकर उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। हमारी सरकार आपदा राहत कार्यों और पीड़ितों की मदद के लिए बजट की कमी नहीं होने देगी।”

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