उत्तराखंड में कुदरत का कहर: चमोली समेत कई जिलों में बारिश और भूस्खलन से जनजीवन बेहाल

चमोली, उत्तराखंड। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। चमोली जनपद में हालात सबसे गंभीर बने हुए हैं, जहां बदरीनाथ हाईवे पर मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया है, तो वहीं ज्योतिर्मठ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप है। केदारनाथ यात्रा भी एहतियातन रोक दी गई है।

मुख्य घटनाएं:

बदरीनाथ हाईवे बाधित: उमट्टा में पहाड़ी से भारी मलबा गिरने के कारण हाईवे बंद। नंदप्रयाग के पास पर्थाडीप में भी मलबा गिरा था, जिसे हटाकर मार्ग खोला गया।

ज्योतिर्मठ अंधेरे में: 66 केवी की विद्युत लाइन में फॉल्ट के चलते रात से बिजली आपूर्ति बाधित। मरम्मत कार्य जारी है।

विद्यालय बंद: मौसम विभाग की चेतावनी के चलते सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विद्यालयों में छुट्टी घोषित।

केदारनाथ यात्रा रोकी गई: भारी बारिश और सुरक्षा कारणों के चलते यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोका गया।

सड़कें बनीं आफत का रास्ता: 50 मार्ग बंद, 2 राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल 50 सड़कें बंद हो गई हैं:

विकासनगर-कालसी-बड़कोट NH: लखवाड़ बैंड के पास मलबा गिरने से मार्ग बंद।

ऋषिकेश-यमुनोत्री NH (उत्तरकाशी): औजरी में अवरुद्ध।

अन्य जिलों जैसे रुद्रप्रयाग, नैनीताल, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, पौड़ी और टिहरी में भी कई ग्रामीण मार्ग बंद हैं।

आपदा का आंकड़ा: 143 भवन क्षतिग्रस्त, 21 मौतें, 9 लोग लापता

1 जून से अब तक राज्य में आपदा से जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है:

143 भवनों को नुकसान (133 आंशिक, 8 गंभीर, 2 पूरी तरह ध्वस्त)

21 लोगों की मौत, 11 घायल, 9 लोग लापता

प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें

जिलाधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता से अपील की है कि:

मौसम की चेतावनियों का पालन करें।

पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा फिलहाल टालें।

आवश्यकतानुसार 1077 (आपदा कंट्रोल रूम) पर संपर्क करें।

उत्तराखंड में मानसून का कहर पूरे राज्य पर भारी पड़ रहा है। शासन और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, परंतु जनता की सतर्कता और सहयोग भी उतना ही जरूरी है।

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