उत्तराखंड में उपनल कर्मियों का बड़ा आंदोलन: स्वास्थ्य सेवाएं ठप, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

देहरादून/हल्द्वानी। उत्तराखंड में उपनल कर्मचारियों का आंदोलन अब उग्र हो गया है। प्रदेशभर में सोमवार से सैकड़ों उपनल कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे अस्पतालों समेत कई सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है।

हल्द्वानी स्थित डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में हड़ताल के असर से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल में बिलिंग काउंटर, पर्चा निर्माण, दवा वितरण और सफाई जैसी सेवाएं ठप रहीं। वॉर्ड बॉय, नर्स, फार्मासिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर और सफाई कर्मी बड़ी संख्या में हड़ताल में शामिल रहे। मरीजों की लंबी कतारें लगी रहीं और कई को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा।

वहीं, राजधानी देहरादून में प्रदेशभर से पहुंचे उपनल कर्मचारी परेड ग्राउंड के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उपनल कर्मचारी महासंघ रुद्रप्रयाग के जिला अध्यक्ष अनिल गोसाई ने बताया कि करीब 22 हजार कर्मचारी वर्षों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के चरणबद्ध नियमितीकरण का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने उसे लागू करने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।

हालांकि, साल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी, फिर भी आदेशों को लागू नहीं किया गया।

उत्तरकाशी के जिला महामंत्री आजाद सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, वन, सिंचाई, प्रशासनिक और तकनीकी विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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