
अंकिता को मिला इंसाफ: दो साल आठ महीने बाद दोषियों को कोर्ट ने माना हत्यारा, सजा पर बहस जारी
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में करीब दो साल आठ महीने बाद आखिरकार न्याय की एक अहम कड़ी पूरी हुई। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ कोर्ट) ने आज इस मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगी सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को हत्या का दोषी करार दिया है। तीनों पर IPC की धारा 302 (हत्या), 354 (छेड़छाड़), 201 (सबूत मिटाना) समेत गंभीर आरोप सिद्ध हुए हैं। अब सजा पर अंतिम बहस जारी है, और कुछ ही देर में कोर्ट सजा का ऐलान कर सकती है।
न्याय के लिए दो साल से अधिक का संघर्ष
इस मामले की सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी।
अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
47 गवाहों को अदालत में परीक्षित कराया गया, जिनमें कई अहम चश्मदीद भी शामिल रहे।
क्या हुआ था अंकिता के साथ?
18 सितंबर 2022 को अंकिता की हत्या की गई थी।
आरोपी उस पर अनैतिक कार्यों में शामिल होने का दबाव बना रहे थे।
जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो उसे चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई।
24 सितंबर 2022 को उसका शव नहर से बरामद हुआ।
मामले ने पूरे राज्य को हिला दिया था, और जनाक्रोश के चलते विशेष SIT का गठन किया गया।
सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम
कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उत्तरकाशी से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
कोर्ट परिसर के 200 मीटर दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है।
नारेबाजी, धरना प्रदर्शन, और भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है।
जनता की निगाहें अब सजा पर
उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि तीनों दोषियों को कितनी सख्त सजा दी जाएगी। अंकिता के माता-पिता और लाखों लोग जो इतने समय से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे, उनके लिए यह फैसला एक बड़ी राहत है, हालांकि अंतिम संतोष तब ही मिलेगा जब आरोपियों को उचित और कड़ी सजा दी जाएगी।
